dvipadii meaning in hindi

द्विपदी

  • स्रोत - संस्कृत

द्विपदी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह छंद या वृत्ति जिसमें दो पद हों, प्राकृत भाषा का एक प्रकार का छंद
  • दो पदों का गीत
  • एक प्रकार का चित्र काव्य जिसमें किसी दोहे आदि को कोष्ठों की तीन पंक्तियों में लिखते हैं

    विशेष
    . यह चित्र काव्य इस प्रकार लिखते हैं कि दोहे के पहले चरण का आदि अक्षर पहले कोठे में, फिर एक-एक अक्षर छोड़कर पहली पंक्ति के कोठों में भरते हैं। इसके उपरांत छूटे हुए अक्षरों को दूसरी पंक्ति के कोठों में एक एक करके रख देते हैं। इसी प्रकार तीसरी पंक्ति के कोठों में दोहे के दूसरे चरण के अक्षर, एक-एक अक्षर छोड़ते हुए, रखते हैं। इन्हीं तीन कोष्ठ पंक्तियों से पूरा दोहा पढ़ लिखा जाता है। पढ़ने का क्रम यह होना चाहिए कि पहले कोठे के अक्षर को पढ़कर उसके नीचे वाले कोठे के अक्षर को पढ़ें, फिर पहली पंक्ति के दूसरे अक्षर को पढ़कर उसके नीचे के (दूसरी पंक्ति के दूसरे) कोठे के अक्षर को पढ़ें। तीसरी पंक्ति के कोठों के अक्षरों को नीचे से ऊपर इस क्रम से पढ़ें अर्थात् प्रथम द्वितीय कोष्ठ के क्रम से पढ़कर फिर तृतीय द्वितीय कोष्ठ के अक्षरों को पढ़े। जैसे— रामदेव नरदेव गति, परशु धरन मद धारि। वामदेव गुरदेव गति पर कुधरन हद धारि।

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