garg meaning in braj
गर्ग के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
-
श्रीकृष्ण की कथा में उल्लिखित ऋषि विशेष
उदाहरण
. गर्ग लिखी जन मन जु लेखि ।
गर्ग के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक गोत्रप्रवर्तक वैदिक ऋषि
विशेष
. ये आंगिरस भरद्वाज के वंशज थे और ऋग्वेद के छठे मंडल का ४७ वाँ सूक्त इनका रचा हुआ है । २ - अथर्ववेद के परिशिष्ट के अनुसार एक प्राचीन ज्यौतिषी
- धर्मशास्त्र के प्रवर्तक एक ऋषि
- वितथ्य रजा का एक पुत्र
- नंद के एक पुरोहित का नाम
- बैल , साँड़
- एक कीड़ा जो पृथिवी में घुसा रहता है , गगोरी
- बिच्छू ९
- केंचुआ
- एक पर्वत का नाम
- ब्रह्मा के एक मानसपुत्र का नाम जिसकी सृष्टि गया में यज्ञ के लिये हुई थी
-
संगीत में एक ताल
विशेष
. इसमें चार द्रुत मात्राएँ और अंत में एक खाली या विराम होता है ।
गर्ग के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा