गोपीचंदन

गोपीचंदन के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - गोपी चंदण

गोपीचंदन के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार की सफेद या पाण्डुर मिट्टी जिसका तिलक मस्तक पर लगाया जाता है।

गोपीचंदन के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • द्वारिका के एक सरोवर से निकलने वाली एक प्रकार की पीली मिट्टी जिसका वैष्णव लोग तिलक लगाते हैं

    विशेष
    . कहते हैं कि श्रीकृष्ण के स्वर्गवासी होने पर उनके विरह में अनेक गोपियों ने द्वारिका के सरोवर के किनारे अपने प्राण त्यागे थे, इसीलिए उसकी मिट्टी का बहुत माहात्म्य कहा है। आजकल बाज़ारों में गोपीचंदन के नाम से एक प्रकार की बनाई हुई पीली मिट्टी मिलती है जिसका व्यवहार प्रायः बैरागी करते हैं।

    उदाहरण
    . पंडितजी ने यजमान के माथे पर गोपीचंदन से टीका लगाया।

गोपीचंदन के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पवित्र पीली मिट्टी जिसे लोग शरीर में लगाते हैं और जो द्वारिका के एक सरोवर से निकलती है

गोपीचंदन के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार की पीली मिट्टी जो वैष्णवों के लिए पवित्र है और जिससे वे माथे पर वैष्णव संप्रदाय के निशान लगाते हैं

Noun, Masculine

  • a kind of yellowish clay sacred to the Vaishnavites and smeared by them their foreheads with their secterian marks

गोपीचंदन के तुकांत शब्द

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