हरे

हरे के अर्थ :

हरे के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • 'हरि' शब्द का संबोधन का रूप

    उदाहरण
    . हति नाथ अनाथन्ह पाहि हरे । बिषया बन पामर भूलि परे । . जय राम सदा सुखधाम हरे । रघुनायक सायक चाप धरे ।


हिंदी ; क्रिया-विशेषण

  • धीरे से , आहिस्ता से , तेजी के साथ नहीं , मंद मंद

    उदाहरण
    . लाज के साज धरेई रहे तब नैनन लै मन ही सों मिलाए । कैसी करौं अब क्यों निकसै री हरेई हरे हिय में हरि आए ।

  • जो ऊँचा या जोर का न हो , जो तीव्र न हो (ध्वनि, शब्द आदि)

    उदाहरण
    . दूरि तें दौरत, देव, गए सुनि के धुनि रोस महा चित चीन्हों । संग की औरै उठी हँसि कै तब हेरि हरे हरि जू हँसि दीन्हों ।

  • जो कठोर या तीव्र न हो , हलका कोमल , (आघात, स्पर्श आदि)

हरे के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हरि का सम्बोधन

हरे के बुंदेली अर्थ

हरें

क्रिया-विशेषण

  • धीरे-धीरे, शनैः-शनैः

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हड़, हर्रा

हरे के ब्रज अर्थ

क्रिया-विशेषण, पुल्लिंग

  • हरि शब्द का संबोधन का रूप , हे हरि

    उदाहरण
    . मोसों पतित न और हरे।

  • धीरे , आहिस्ते , हरे भरे हरे हरे वि० लहलहाते हुए
  • धीरे धीरे

    उदाहरण
    . कहै पदमाकर सुनावत हरे हरे ।

हरे के मालवी अर्थ

अव्यय

  • हर का सम्बोधन, हे, हर।

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