jaake paa.nv n phaTii bibaa.ii so ka jaana.i.n piir paraa.ii meaning in kannauji
जाके पाँव न फटी बिबाई सो का जानइँ पीर पराई के कन्नौजी अर्थ
जाके पाँव न फटी बिमाई सो का जानइँ पीर पराई
- जिसके पैर में बिबाई नहीं फटती वह दूसरे की पीड़ा को नहीं जानता अर्थात् जब तक अपने ऊपर कष्ट न पड़े तब तक दूसरे की कष्ट का वास्तविक अनुभूति नहीं होती
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