जातकर्म

जातकर्म के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

जातकर्म के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक संस्कार का नाम, पुत्र जन्म के अवसर पर किया जाने वाला संस्कार |

Noun, Masculine

  • caste ceremony, a purification ceremony after the birth of child.

जातकर्म के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • the fourth of the sixteen major संस्कारs of the Hindus performed after the child-birth

जातकर्म के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हिंदुओं के दस संस्कारों में से चौथा संस्कार जो बालक के जन्म के समय होता है

    विशेष
    . इस संस्कार में बालक के जन्म का समाचार सुनते ही पिता मना कर देता है कि अभी बालक की नाल न काटी जाय । तटुपरांत वह पहने हुए कपड़ों सहित स्नान करके कुछ विशेष पूजन और वृद्ध श्राद्ध आदि करता है । इसके अनंतर ब्रह्मचारी, कुमारी, गर्भवती या विद्वान् ब्राहाण द्वारा धोई हुई सिल पर लोहे से पीसे हुए चावल और जौ के चूर्ण को अँगूठे और अनामिका से लेकर मंत्र पढ़ता हुआ बालक की जीभ पर मलता है । दूसरी बार वह सोने से घी लेकर मंत्र पढ़ता हुआ उसकी जीभ पर मलता है और तब नाल काटने और दूध पिलाने की आज्ञा देकर स्नान करता है । आजकल यह संस्कार बहुत कम लोग करते हैं ।

    उदाहरण
    . जातकर्म करि पूजि पितर सुर दिए महिदेवन दान । तेहिं औसर सुत तीनि प्रगट भए मंगल, मुद, कल्यान ।

जातकर्म के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • दस वैदिक संस्कारों में से चौथा संस्कार, जो हिंदुओं में बालक के जन्म के समय किया जाता है

    उदाहरण
    . जातकर्म विधि सों सब कीनी, फूले अंग न माँइ ।

जातकर्म के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • सद्यः जनमल शिशुक एक संस्कार

Noun

  • a sacrament performed just after birth.

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