jaatibhranshkar meaning in hindi
जातिभ्रंशकर के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
मनु के अनुसार नौ प्रकार के पापों में से एक प्रकार का पाप जिसको करने वाला मनुष्य अपनी जाति और आश्रम आदि से भ्रष्ट हो जाता है
विशेष
. इसके अंतर्गत ब्राह्मणों को पीड़ा देना, मदिरा पीना अथवा अखाद्य पदार्थ खाना, कपट व्यवहार करना और पुरुष मैथुन आदि कई निंदनीय काम हैं। यह पाप यदि अनजान में हो तो पापी को प्राजापत्य प्रायश्चित और यदि जानकारी में हो तो संतापन प्रायश्चित करना चाहिए।
जातिभ्रंशकर के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा