जरनि

जरनि के अर्थ :

  • स्रोत - हिंदी

जरनि के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • जलने की पीड़ा जलन

    उदाहरण
    . पानी फिरै पुकारतौ उपजी जरनि अपार । पावक आयौ पूछनै सुंदर वाकी सार—सुंदर ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ७२८ । २

  • व्यथा, पीड़ा

    उदाहरण
    . देखि जरनि जड़ नारि की रे जरति प्रेत के संग । चिता न चित फोकौ भयौ रे रची जु पिय के रंग । . आपनि दारुन दीनता कहउँ सबर्हि सिर नाइ । देखे बिन रघुनाथ पद जिय की जपनि न जाइ—तुलसी (शब्द॰) । . तातै हौं देत न दूखन तोहूँ । राम बिरोधी उर कठोर ते प्रगट कियो है विधि मोहूँ । सुंदर सुखद सुसील सुधानिधि जरनि जाय जेहि जोए । बिष वारुणी बंधु कहियत विधु नातो मिटत न धोए ।

जरनि के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • जलने की क्रिया; मानसिक कष्ट

जरनि के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • जलन , ताप

    उदाहरण
    . कैसे करि जिय की जरनि सों जताइये । . कैसे करि जिय की जरनि सों जताइये ।

जरनि के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • झरक, धाह, ताप
  • डाह, ईर्ष्या

Noun

  • heat, burning heat.
  • heart-burning, grudge.

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