झ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

झ के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला के 'च' वर्ग का चौथा वर्ण. इसका उच्चारण स्थान तालु है

झ के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun

  • the fourth letter of the second pentad (i.e. चवर्ग) of the Devna:gri: alphabet

झ के हिंदी अर्थ

संज्ञा

  • हिंदी व्यंजन वर्णमाला का नवाँ और चवर्ग का चौथा वर्ण जिसका स्थान तालु है, यह स्पर्श वर्ण है और इसके उच्चारण में संवार, नाद और घोष प्रयत्न होते हैं, च, छ, ज, और ज्ञ इसके सवर्ण हैं

    उदाहरण
    . झ का उच्चारण स्थल तालू है।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • झँझावात, वर्षा मिली हुई तेज आँधी
  • सुरगुरु, बृहस्पति
  • दैत्यराज
  • ध्वनि, गुंजार शब्द
  • तीब्र वायु, तेज हवा

झ के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वर्षा मिली हुई तीव्र ऑधी, जल का गिरंता तीव्र वायु

झ के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का नवाँ व्यंजन वर्ण
  • the ninth consonant of the Devanagari alphabet.

झ के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला देवनागरी लिपि के च वर्ग का चतुर्थ व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण स्थान तालु है

झ के ब्रज अर्थ

  • नागरी वर्णमाला में च वर्ग का चतुर्थ व्यंजन

पुल्लिंग

  • झंझावात ; अंधड़ ; दैत्यराज ; वृहस्पति; झन-झन की ध्वनि

झ के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक नओम व्यञ्जन
  • 9th consonant of alphabet.

झ के मालवी अर्थ

  • च वर्ग का अक्षर।

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