jhajhak meaning in braj
झझक के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, अकर्मक
- दे० 'झिझक' ; भड़क
-
भड़कना, जोर-जोर से बोलना
उदाहरण
. झूठिहु दै झुलकाई तहाँ तिय झाँकी झुकी झझकी मदमाती। -
रुकना; दे० 'झिझकना'
उदाहरण
. घोषराज श्री नंद-सुवन सौं, झुकि झुकि झझकत है तू बाबरी ।
झझक के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- झझकने की क्रिया का भाव, किसी प्रकार के भय की आशंका से रुकने की क्रिया, चमक, भड़क, जैसे,—अभी इनकी झझक नहीं गई है, इसी से खुलकर नहीं, बोलते, क्रि॰ प्र॰—जाना, —मिटना, —होना
- कुछ क्रोध से बोलने की क्रिया या भाव, झुँझलाहट
- किसी पदार्थ में से रह रहकर निकलनेवाली विशेषतः आप्रिय गंध, क्रि॰ प्र॰—आना, —निकलना
- रह रहकर होनेवाला पागलपन का हलका दौरा, कभी कभी होनेवाली सनक, क्रि॰ प्र॰—आना, —चढना, —सवार होना
झझक के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- हिचक, भय की झुंझलाहट दुर्गन्ध, सनक
झझक के अवधी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- थोड़ा-सा पागलपन
झझक के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- झिझक, संकोच
झझक के गढ़वाली अर्थ
- हिचक |
- hitch, hesitation.
झझक के मगही अर्थ
संज्ञा
- सरसों के तेल आदि की तीखी गंध; अप्रिय गंध; झाँस; झुंझलाहट, खीज
झझक के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग
- झिझक।
झझक के तुकांत शब्द
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