jihvaamuuliiy meaning in angika
जिह्वा मूलीय के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- वह वर्ण जिसका उच्चारण जिह्वा के मूल से होता है। यथा क, ख, ग, घ,ड का उच्चारण क ख इसे जिहा मूलीय कहते है
जिह्वा मूलीय के हिंदी अर्थ
जिह्वामूलीय
विशेषण
-
(व्याकरण में उच्चारण की दृष्टि से वर्ण) जिसका उच्चारण जीभ के मूल या बिलकुल पिछले भाग से होता है, जो जिह्वा के मूल से संबंध रखता या उसमें होता हो
विशेष
. जैसे- यदि क या ख से पहले विसर्ग हो तो क या ख का उच्चारण (जैसे-दुःख में के ' ख ' का उच्चारण) जिह्वामूलीय हो जाता है।उदाहरण
. क,ख आदि जिह्वामूलीय वर्ण हैं।
संज्ञा, पुल्लिंग
-
वह वर्ण जिसका उच्चारण जिह्वामूल से हो
विशेष
. शिक्षा के अनुसार ऐसे वर्ण अयोगवाह होते हैं और वे संज्ञा में दो हैं, क और ख। क और ख के पहले विसर्ग आने से जिह्वामूलीय हो जातै हैं। कोई कोई वैयाकरण कवर्ग मात्र को जिह्वामूलीय मानते हैं।
जिह्वामूलीय के तुकांत शब्द
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