ज्योँ

ज्योँ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ज्योँ के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • जिस प्रकार , जैसे , जिस ढंग से , जिस रूप से

    विशेष
    . अब गद्य में इस शब्द का प्रयोग अकेले नहीं होता केवल कविता में साद्दश्य दिखलाने के लिये होता है । . वाक्य का संबंध पूरा करने के लिये इस शब्द के साथ 'त्यों' का प्रयोग होता है पर गद्य में प्रायः नहीं होता ।

    उदाहरण
    . तुलसिदास जगदव जवाअ ज्यौं अनघ आगि लागे डाढ़न । . करी न प्रीति श्याम सुंदर सो जन्म जुआ ज्यों हायो ।

  • जिस क्षण , जैसे ही , जैसे,—(क) ज्यों मैं आया कि पानी बरसने लगा , (ख) ज्यों ही मै पहुँचा, वह उठकर चला गया

    विशेष
    . इस अर्थ में इसका प्रयोग 'ही' के साथ अधिक होता है ।

ज्योँ से संबंधित मुहावरे

  • ज्यों का त्यों

    जैते का तैसा, उसी रूप रंग का, तद्रूप, सदृश

  • ज्यों ज्यों

    जिस क्रम से , जिस मात्रा से , जितना

  • ज्यों त्यों

    किसी न किसी प्रकार , किसी ढंग से , झंझट और बखेड़े के साथ

  • ज्यों त्यों करके

    किसी न किसी प्रकार , किसी ढंग से , किसी उपाय से , जिस प्रकार हो सके उस प्रकार , जैसे,—ज्यो त्यों करके उसे हमारे पास ले आओ

ज्योँ के कन्नौजी अर्थ

ज्यों

अव्यय

  • जैसे, जिस तरह

ज्योँ के बुंदेली अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • जिस प्रकार, जैसे, ज्यों त्यों-जैसे ही, जिस तरह, जिस क्षण

ज्योँ के ब्रज अर्थ

ज्यों, ज्यो, ज्यौ

क्रिया-विशेषण

  • जिस प्रकार

    उदाहरण
    . ज्यों सूखति सब देह है, त्यों पानिप अधिकात ।

ज्योँ के मालवी अर्थ

ज्यों

अव्यय

  • जैसे ही।

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