kaabul gaye turak bani aaye, bola.i.n aTpaT baanii meaning in kannauji

काबुल गये तुरक बनि आये, बोलइँ अटपट बानी

काबुल गये तुरक बनि आये, बोलइँ अटपट बानी के कन्नौजी अर्थ

काबुल गये तुरुक बनि आये, बोलइँ अटपट बानी

  • गाँव का व्यक्ति परदेश (महानगर को भी गाँव के लोग परदेश कहते हैं) से वापस लौटकर शेखी बघारने के लिए टूटी-फूटी परदेशी भाषा बोलने लगता है, उसी पर व्यंग्य किया गया है

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