कांपिल्य

कांपिल्य के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कांपिल्य के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्राचीन प्रदेश

    विशेष
    . कांपिल्य कभी दक्षिण पांचाल की राजधानी हुआ करता था। महाभारत काल में द्रौपदी का स्वयंवर यहीं हुआ था। यह आजकल फ़र्रुख़ाबाद जिले की कायमगंज तहसील के अंतर्गत कंपिल नामक परगना कहलाता है। राजधानी के स्थान पर कंपिल नाम का एक छोटा सा कस्बा रह गया है।

  • पौराणिक राजा भृम्यश्व के पाँच पुत्रों में से एक

कांपिल्य के कन्नौजी अर्थ

काम्पिल्य

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फ़र्रुख़ाबाद जनपद में बूढ़ी गंगा नदी के समीप फतेहगढ़ से लगभग 40 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में कायमगंज के समीप स्थित यह स्थान जैनियों का तीर्थ स्थल है, चीनी यात्री ने इसका उल्लेख किमिथ नाम से किया है

कांपिल्य के ब्रज अर्थ

कांपिल्ल

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फ़र्रुख़ाबाद जिले के अंतर्गत कायमगंज तहसील में आधुनिक कंपल नामक कस्बा जो प्राचीन काल में राजधानी था

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