kaanhar meaning in braj

कान्हर

कान्हर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - कान्हरि

कान्हर के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • कोल्हू के कातर पर लगी हुई बेंडी और टेढ़ी लकड़ी जो दोनों ओर लगी हुई होती है और कोल्हू की कमर से लग कर चारों ओर घूमती है

कान्हर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कोल्हू के कातर पर लगी हुई बेंडी और टेढ़ी लकड़ी, वह लकड़ी जो कोल्हू की कमर में बँधी होती है

    विशेष
    . यह लकड़ी दोनों ओर निकली होती है और कोल्हू की कमर से लगकर चारों ओर घूमती है।

    उदाहरण
    . इस कोल्हू का कान्हर फट गया है।

  • वह लकड़ी जो कोल्हू की कमर में बँधी होती है

    उदाहरण
    . इस कोल्हू का कान्हर फट गया है।

  • श्रीकृष्ण जी

    उदाहरण
    . देखी कान्हर की निठराई। कबहूँ पाति हु न पठाई।

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