kaanyakubj meaning in kannauji
कान्यकुब्ज के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- कान्यकुब्ज देश
- ब्राह्मणों का एक भेद
कान्यकुब्ज के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
प्राचीन समय का एक प्रांत जो वर्तमान कन्नौज के आस-पास था
विशेष
. इस प्रदेश के संबंध में रामायण में लिखा है कि राजर्षि कुशनाभ को धृताची नाम की अप्सरा से 100 कन्याएँ हुईं। उन कन्याओं के रूप को देख वायु उन पर मोहित हो गया। कन्याओं ने जब वायु की बात अस्वीकार की और कहा कि पिता की आज्ञा के बिना हम लोग किसी को स्वीकार नहीं कर सकती, तब वायु देवता ने कुपित होकर उन्हें कुबड़ी कर दिया। पिता कन्याओं पर बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें कांपिल्ल नगर के राजा ब्रम्हादत्त (चूलीय ऋषि के पुत्र) को ब्याह दिया, जिनके स्पर्श से उनका कुबड़ापन जाता रहा। ह्मेनसाँग ने अपने विवरण में यह कथा और ही प्रकार से लिखी है। उसने सौ कन्याओं को कुसुमपुर के राजा ब्रह्मदत्त की कन्याएँ माना है और लिखा है कि महावृक्ष ऋषि ने मोहित होकर उन कन्याओं में से एक को ब्रह्मदत्त से माँगा। राजा सबसे छोटी कन्या को लेकर ऋषि के आश्रम पर गए। ऋषि ने कुपित होकर कहा—सबसे छोटी कन्या क्यों ? राजा ने डरते-डरते कहा कि और कोई कन्या राजी नहीं हुई। ऋषि ने शाप दिया कि तुम्हारी और सब कन्याएँ कुबड़ी हो जाएँ। इन्हीं कुबड़ी कन्याओं के आख्यान से इस प्रदेश का नाम कान्यकुब्ज पड़ा। -
कान्यकुब्ज क्षेत्र का निवासी
उदाहरण
. हमारे पड़ोसी कान्यकुब्ज हैं। -
कान्यकुब्ज क्षेत्र का ब्राह्मण, कनौजिया
उदाहरण
. त्रिवेदीजी कान्यकुब्ज हैं।
कान्यकुब्ज के ब्रज अर्थ
कानकुब्ज
संज्ञा, पुल्लिंग
- कन्नौज नगर के समीपवर्ती प्रांत के प्राचीन ब्राह्मणों के वंशज
- कान्यकुब्ज जाति के ब्राह्मण
कान्यकुब्ज के तुकांत शब्द
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