kaashikaa meaning in braj

काशिका

काशिका के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

काशिका के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • काशी
  • पाणिनीय व्याकरण की एक प्रसिद्ध टीका या वृत्ति

काशिका के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • प्रकाश करने वाली
  • प्रकाशित, प्रदीप्त

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • काशी नगरी या पुरी
  • जयादित्य और वामन की बनाई हुई पाणिनीय व्याकरण पर एक टीका या वृत्ति

    विशेष
    . राजतरंगिणी में जयापीड़ नामक राजा का नाम आया है, जो 667 शताब्दी में काश्मीर के सिंहासन पर बैठा था और जिसके एक मंत्री का नाम वामन था। लोग इसी जयापीड़ को काशिका का कर्ता मानते हैं। पर मैक्समूलर साहब का मत है कि काशिकार जयादित्य कश्मीर के जयापीड़ से पहले हुआ है, क्योंकि चीनी यात्री इत्सिंग ने 612 शताब्दी में अपनी पुस्तक में जयादित्य के वृत्तिसूत्र का उल्लेख किया है। इस विषय में इतनी समझ रखनी चाहिए कि कल्हण के दिए हुए संवत् बिलकुल ठीक नहीं हैं। काशिका के प्रकाशक बालशास्त्री का मत है कि काशिका का कर्ता बौद्ध था, क्योंकि उसने मंगलाचरण नहीं लिखा है और पाणिनि के सूत्रों में फेरफार किया।

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