kaatyaayan meaning in hindi
कात्यायन के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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कत ऋषि के गोत्र में उत्पन्न ऋषि जिसमें तीन प्रसीद्ध हैं —एक विश्वामित्र के वंशज, दूसरे गोभिल के पुत्र और तीसरे सोमदत्त के पुत्र वररुचि कात्यायन
विशेष
. विश्वामित्र वंशीय प्राचीन कात्यायन के बनाए हुए 'श्रौतसुत' और 'प्रतिहारसुत्र' हैं। दूसरे गोभिलपुत्र कात्यायन हैं जिनके बनाए 'गृह्यसंग्रह' और 'छंदोपरिशिष्ट' या 'मर्मप्रदिप' हैं। तीसरे वररुचि कात्यायन हैं जो पाणिनि सूत्रों के वार्तिक- कार प्रसिद्ध हैं। -
एक बौद्ध आचार्य
विशेष
. इन्होने 'अभिधर्म—ज्ञान—प्रस्थान' नामक ग्रंथ की रचना की है। नेपाली बौद्ध ग्रंथों से पता लगता है कि ये बुद्ध से 45 वर्ष पीछे उत्पन्न हुए थे। - व्याकरण के एक प्रसिद्ध आचार्य जिन्होंने वार्तिक लिखकर पाणिनी के सूत्रों की अभिपूर्ति की थी
कात्यायन के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- कत ऋषि के गोत्र में जन्म लेने वाले एक प्राचीन ऋषि
- पाणिनि सूत्र पर वार्तिक लिखने वाले व्याकरण के एक प्रसिद्ध आचार्य
कात्यायन के तुकांत शब्द
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