kaavyaali.ng meaning in hindi

काव्यालिंग

  • स्रोत - संस्कृत

काव्यालिंग के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक अर्थालंकार जिसमें किसी कही हुई बात का कारण आने वाले वाक्य के युक्तिपूर्ण अर्थ द्वारा या पद के अर्थ द्वारा दिखाया जाय, जैसे—(क) (वाक्यर्थ द्वारा) कनक कनक तेसै गुनी, मादकता अधिकाय, वह खाए बौरात है, यह पाए बौराय, यहाँ पहले चरण में सोने की जो अधिक मादकता बतलाई गई, उसका कारण दूसरे चरण के 'वह पाए बौराय' इस वाक्य द्वारा दिया गया, (ख) (पदार्थता द्वारा) जनि उपाय और करौ यहै राखु निरधार, हिय वियोग तम टारिहैं बिधुबदनी वह नार, इस दोहे में वियोगरूप तम दूर होने का कारण 'बिधुबदनी' इस एक पद के अर्थ द्वारा कहा गया, कोई कोई इस काव्यलिंग को हेतु अलंकार के अंतर्गत ही मानते हैं, अलग अलंकार नहीं मानते

काव्यालिंग के तुकांत शब्द

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