kaayavyuuh meaning in braj

कायव्यूह

कायव्यूह के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - कायाव्यूह

कायव्यूह के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • देह में बात, पित्त, कफ तथा त्वचा रुधिर, मांस, स्नायु, अस्थि, मज्जा, शुक्र के स्थान और विभागदि क्रम
  • स्वकर्म भोगार्थ योगियों द्वारा चित्त में एक-एक इन्द्रिय और अंग की कल्पना करने की क्रिया

कायव्यूह के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शरीर मे वात, पित्त, कफ, तथा त्वक्, रक्त, मांस, स्नायु, अस्थि, मज्जा औऱ शुक्र के स्थान और विभाग आदि का क्रम (बैद्यक)
  • योगियों की अपने कर्मों के भोग के लिये चित्त में एक एक इंद्रिय और अंग की कल्पना की क्रिया

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