कहँ

कहँ के अर्थ :

कहँ के अवधी अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • कहां, कविता में प्रयुक्त

कहँ के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; प्रत्यय

  • के लिए

    विशेष
    . अवधी बोली में यह द्वितीया और चतुर्थी का चिहन है।

    उदाहरण
    . गयो कचहरी को वह गृह कहँ जहँ मुनसी गन । . तुम कहँ तौ न दीन बनबासू । करहु जो कहहिं ससुर गुरु सासू । . राम पयादेहि पाँव सिधाये । हम कहँ रथ गज बाजि बनाए ।


हिंदी ; क्रिया-विशेषण

  • देखिए : 'कहाँ'
  • देखिए : 'कहूँ'

कहँ के ब्रज अर्थ

कहँवा, कहवाँ

क्रिया-विशेषण

  • कहाँ, किस जगह

    उदाहरण
    . गोबिंद सौं पति पाइ, कहें मन अनत लगावै।

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