kakmaarii meaning in braj

ककमारी

ककमारी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ककमारी के ब्रज अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक विशेष बड़ी लता जिसके फल जंतुओं के लिए मादक होते हैं

ककमारी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की बड़ी लता जो अवध, बंगाल और दक्षिण भारत में होती है

    विशेष
    . इसकी पत्तियाँ चार से आठ इंच तक लंबी होती हैं। फूल नीलापन लिए पीले रंग के ओर बहुत सुगंधित होते हैं। इसमें छोटे-छोटे तीक्ष्ण फल लगते हैं जो मछलियों और कौवों के लिए मादक होते हैं। विलायत में जौ की शराब में इसका मेल दिया जाता है।

    उदाहरण
    . ककमारी के बीजों से प्राप्त विष का उपयोग मछली मारने में किया जाता है।

ककमारी के तुकांत शब्द

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