kalaa.ii meaning in bhojpuri
कलाई के भोजपुरी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
हथेली और कोहनी के बीच का वह भाग जहाँ कड़े, चूड़ियाँ आदि पहनी जाती है;
उदाहरण
. कलाई सुकवार बिया।
Noun, Feminine
- wrist.
कलाई के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Feminine
- wrist
कलाई के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- सूत का लच्छा, करछा, कुकरी
- पूला , गट्ठा
-
हाथ के पहुँचे का वह भाग जहाँ हथेली का जोड़ रहता है , इसी स्थान पर स्त्रियाँ चूड़ी पहनतीं और पुरुष रक्षा बाँधते हैं
उदाहरण
. कहा परेखै करि रही इत देखै चित हाल । गई ललाई दृगति तें छुवत कलाई लाल । - हाथी के गले में बाँधने का कलावा जिसमें पैर फँसाकर पीलवान हाथी हाँकते हैं,
- अँदुवा, अलान
- एक प्रकार की कसरत जिसमें दो आदमी एक दूसरे की कलाई पकड़ते हैं और प्रत्येक अपनी कलाई को छुड़ाकर दूसरे की कलाई पकड़ने की चेष्टा करता है , क्रि॰ प्र॰—करना
-
पहाड़ी प्रदेशों में एक प्रकार की पूजा जो फसल के तैयार होने पर होती है
विशेष
. इसमें फसल के कटने से पहले दस बारह बालों को इकट्ठा बाँधकर कुलदेवता को चढ़ाते हैं । - उरद
कलाई के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएकलाई के अवधी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- हाथ की कलाई
कलाई के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- हथेली और पहुँचा के बीच का भाग
कलाई के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- हाथ का पहुँचा, सूत की लच्छी, हाथी के गले का डोरा, हाथ और भुजा का मिलन स्थल, कलइया (लो.गी)
कलाई के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- पहुँचा , मणिबन्ध
कलाई के मगही अर्थ
अरबी ; संज्ञा
- हाथ का वह स्थान जहाँ वह हथेली से जुड़ता है, गट्टा, मणिबंध; उड़द का है पौधा, उस पौधे का अन्न, माष, उरदी
कलाई के तुकांत शब्द
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