कमरख

कमरख के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कमरख के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • खट्टे मीठे स्वाद वाला एक उठे हुए पालो वाला फल, अधिक आर्द्रता वाले स्थानों में पाया जाता है, इसकी चटनी बनती है, फाँकदार लम्बे खट्टे फल

कमरख के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मध्यम आकार का एक पेड़ का नाम जो हिंदुस्तान के प्रायः सभी प्रांतों में मिलता है , कर्मरंग , कमरंग

    विशेष
    . इसकी पत्तियाँ अँगुल डेढ अँगुल चौडी, दो अंगुल लंबी और कुच नुकीली होती है तथा सीकों से लगती हैं । यह जेठ आसाढ में फूलता हैं । फूल झड जाने पर लंबे लंबे पाँच फाँकोंवाला फल लगते हैं, जो पूस माघ में पकते और पककर खूब पीले होते हैं । कच्चे फल खट्टे और पक्के खटमिठे होते हैं । इनमें कसाव बहुत होता है, इसीलिये पक्के फलों में चूना लगाकर खाते हैं । फल अधिकतर अचार चटनी आदि के काम में आता है । कच्चे फल रँगाई के काम में भी आते हैं । इससे लोहे के मुर्चे का रंग दूर हो जाता है । वैद्य लोग इसके फल, जड और पत्तियों को औषध के काम लाते हैं । खाज के लिये यह अत्यंत उपयोगी माना जाता है । २

  • उक्त पेड़ के फल का नाम

कमरख के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक वृक्ष जिसके फॉक वाले लम्बे फल होते हैं

कमरख के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • एक वृक्ष विशेष
  • उक्त वृक्ष का फल जो स्वाद में खट्टा होता है

कमरख के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • एक अमत फल

Noun

  • a sour fruit; Averrhoa carambola.

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