kamiilaa meaning in braj

कमीला

कमीला के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कमीला के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वृक्ष विशेष जिसके पत्ते अमरूद की भाँति होते हैं

कमीला के हिंदी अर्थ

कमेला, कबीला

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक छोटा पेड़ जिसके पत्ते अमरुद की तरह के होते हैं और जिसमें बेर की तरह के फल गुच्छों में लगते हैं

    विशेष
    . यह पेड़ हिमायल के किनारे काश्मीर से लेकर नेपाल तक होता है तथा बंगाल (पुरी, सिंहभुमि), युक्तिप्रदेश (गड़वाल, कमाऊँ, नेपाल की तराई), पंजाब (काँगड़ा), मध्यप्रदेश और दक्षिण में बराबर मित्रता है। इसके फलो पर एक प्रकार की लाल-लाल धुल जमी होती है जिसे झाड़कर अलग कर लेते हैं। यह धुल भी कमीला के नाम से प्रसिद्ध है। यह रेशम रँगने के काम में आती है। इसकी रँगाई इस प्रकार होती है—सेर भर रेशम को आध सेर सोडा के साथ थोड़ी देर तक पानी में उबालते हैं। जब रेशम कुछ मुलायम हो जाता है, तब उसे निकाल लेते हैं और उसी पानी में 20 तोले कमीला (बुकनी) और ढाई तोले तिल का तेल, पाव भर फिटकरी और सोडा मिलाते हैं। फिर सब चीज़ो के साथ पानी को पाव घंटे तक उबालते हैं। इसके अंदर उसमें फिर रेशम डाल देते हैं और 15 मिनट पर उबालकर निकाल लेते हैं। निकालने पर रेशम का रंग नारंगी निकल आता है। कमीला फोड़े-फुंसी की मरहमों में भी पड़ता है। यह खाने में गरम और दस्तावर होता है। यह विषैला होता है। इससे 6 रत्ती से अधिक नहीं दिया जाता।

कमीला से संबंधित मुहावरे

कमीला के तुकांत शब्द

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