कंडाल

कंडाल के अर्थ :

कंडाल के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक बाजा जो पीतल की नली का बनता है और मुँह में लगाकर बजाया जाता है, नरसिंहा, तुरही, तूरी
  • लोहे और पीतल आदि की चद्दर का बना हुआ कूपाकर एक गहरा बरतन जिसका मुँह गोल और चौड़ा होता है, इसमें पानी रखा जाता है

हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • जोलाहों का एक कैंवीनुमा औजार जिसपर ताना फैलाकर पाई करते हैं

    विशेष
    . यह दो सरकंडों का बनता है । दो बराबर बराबर सरकंडों को एक साथ रखकर बीच में बाँध देते हैं । फिर उनको आड़े कर आमने सामने के भागों को पतली रस्सी से तानते और ऊपर के सिरों पर तागा बाँधकर नीचे के सिरों को जमीन में गाड़ देते हैं । इस तरह कई एक को दूर दूर पर गाड़कर उनके सिरे पर बँधे तागों पर ताना फैलाते हैं ।

कंडाल के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्राचीन पीतल या तांबे का वाद्य यंत्र, तुरही, पानी रखने का बड़ा पात्र जिसका मुँह खुला होता है

कंडाल के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • लड़ाई का बिगुल , नरसिंहा , तुरही
  • गंगाल या जंगाल, पानी रखने का पीतल का बरतन ; जुलाहों का एक औजार विशेष

कंडाल के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • पानी रखने का पीपा; टब (अं.)

कंडाल के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • धुतहू, तूर्य

Noun

  • trumpet.

कंडाल के तुकांत शब्द

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