कँगनी

कँगनी के अर्थ :

कँगनी के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • cornice, horizontal moulded projection crowning a building, etc

कँगनी के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक अन्न का नाम

    विशेष
    . यह समस्त भारतवर्ष बर्मा, चीन, मध्य एशिया और योरप में उत्पन्न होता है । यह मैदानों तथा ६००० फुट तक की ऊँचाई पहाड़ों में भी होता है । इसके लिये दो मट अर्थात् हल्की सूक्खी जमीन बहुत उपयोगी है । आकृति, वर्ण और काल के भेद में इसकी कई जातियाँ होती हैं । रंग के भेद से कँगनी दे प्रकार की होती है—एक पीली और दूसरी लाल । यह अषाढ़ सावन में बोई और भादों क्वार में काटी जाती है । इसकी एक जाति चेना या चीनी भी है जो चैत बैसाख में बोई और जेठ में काटी जाती है । इसमें १२-१३ बार पानी देना पड़ता है; इसीलिये लोग कहते हैं—'बारह पानी चेन, नाहीं तो लेन का देन' । कँगनी के दाने सावाँ से कुछ छोटे और अधिक गोल होते हैं । यह दाना चिड़ियों को बहुत खिलाया जाता है । पर किसान इसके चावल को पकाकर खाते हैं । कँगनी के पुराने चावल रोगी को पथ्य की तरह दिए जाते हैं ।

    उदाहरण
    . शीला कंगनी की रोटी बना रही है । . किसान खेत में कंगनी की कटाई कर रहा है ।

कँगनी के अंगिका अर्थ

कंगनी

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह गीत जो कंगन बांधने के समय गाये जाते है

कँगनी के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • छोटा कॅगना; लाख की बनी दंदानेदार चूड़ी; कानिस; साँवा की जाति का एक अन्न, काकुन

कँगनी के मगही अर्थ

कंगनी-

हिंदी ; संज्ञा

  • छोटा कंगना

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