kansu.ii meaning in braj
कनसुई के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- आहट
- छिपकर टोह लेने का भाव
- गोबर की गौर से सगुन विचारने की क्रिया
कनसुई के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
आहट, टोह
विशेष
. स्त्रियाँ चलनी में गोबर की गौर रखकर पृथ्वी पर फेंकती हैं। यदि वह गौर सीधी गिरती है तो सगुन माना जाता है और यदि उल्टी या बेंड़ी गिरती है तो असगुन। -
चोरी से या छिपकर किसी की बातों की आहट या टोह लेने के लिए कान लगाकर सुनने की क्रिया
उदाहरण
. कनसुई अच्छी आदत नहीं है। -
वह बात जिसके सहारे किसी दूसरी बड़ी बात, घटना, रहस्य आदि का पता लगे
उदाहरण
. कल हुई बैंक डकैती का अभी तक कोई कनसुई नहीं मिल पाई है।
कनसुई से संबंधित मुहावरे
कनसुई के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- आहट
कनसुई के तुकांत शब्द
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