ka.nTi.aa meaning in braj
कँटिआ के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
-
अंकुरित होना
उदाहरण
. सो हरी हरी कॅटि आइबे को जनु बीज नए ।
पुल्लिंग
- गले का हार
- तोते आदि पक्षियों के गले की रंग- बिरंगी रेखा; कुरते व अँगरखे का गले की ओर रहने वाला अर्धचन्द्राकार भाग
कँटिआ के तुकांत शब्द
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