karakh meaning in braj
करख के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, अकर्मक
- क्रोध , रोष ; जोश , उत्तेजना; शत्रुता ; हर्ष
-
क्रुद्ध होना
उदाहरण
. जा दिन सिवाजी गाजी नेक करखत हैं । -
उमंग में आना; अपनी ओर खींचना, आकर्षित करना
उदाहरण
. कर सो अचल करखि कहत सुजान सुंदर प्यारे ।
करख के तुकांत शब्द
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