kasau.njaa meaning in braj

कसौंजा

कसौंजा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कसौंजा के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक कडुआ गरम कफ़, बात और खाँसी नष्ट करने वाला पौधा जो वर्षा ऋतु में उगता है तथा बवासीर की दवा में भी काम आता है

कसौंजा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक पौधा जो बरसात में उगता है और बहुत बढ़ने पर आदमी के बराबर ऊँचा होता है

    विशेष
    . इसकी पत्तियाँ एक सीके में आमने-सामने लगती हैं और चौड़ी तथा नुकीली होती हैं। जाड़े के दिनों में इसमें चकवड़ की तरह के फूल लगते हैं। छह-सात अंगुल लंबी, चिपटी फलियाँ लगती हैं। फलिंयों के भीतर बीज भरे रहते हैं, जो एक ओर कुछ नुकीले होते हैं। लाल कसौंजा सदाबहार होता है और इसका पत्तियाँ गहरे हरे रंग की कुछ ललाई लिए होती हैं तथा फूल का रंग भी कुछ ललाई लिए होता है। कसौंजे का पौधा चकवड़ के पौधे से बहुत कुछ मिलता-जुलता है। भेद केवल यहीं है कि इसके पत्ते नुकीले होते हैं और चकवड़ के गोल। इसकी फली चौड़ी और बीज नुकीले और कुछ चिपटे होते हैं, पर चकवड़ की पतली फली और गोल होती है जिसके भीतर उर्द की तरह दाने होते हैं। यह कड़ुवा, गरम, कफ़—वात—नाशक और खाँसी दूर करने वाला होता है। कोई कोई इसका साग भी खाते हैं। लाल कसौंजे की पत्ती और बीज बवासीर की दवा से काम आते हैं।

कसौंजा के पर्यायवाची शब्द

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कसौंजा के तुकांत शब्द

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