kaTaagni meaning in braj
कटाग्नि के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- घास-फूस की आग
कटाग्नि के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
कट या घास फूस की आग
विशेष
. प्राचिन काल में राजपत्नी वा ब्राह्मणी के गमन आदि के प्रायश्चित या दंड के लिये लोग कटाग्नि में जलते या जलाए जाते थे । कहते हैं, कुमरिल भट्ट गुरुसिद्धंत का खंडन करने के प्रायश्चित्त के लिये कटाग्नि में जल मरे थे ।
कटाग्नि के तुकांत शब्द
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