keeral meaning in hindi

केरल

केरल के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

केरल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दक्षिण भारत का एक देश

    विशेष
    . यह कन्याकुमारी से गोकर्ण तक मलयवार (मलाबार) पर समुद्र के किनारे किनारे फैला हुआ है । इस देश की सीमा भिन्न भिन्न समयों में बदलती रही है । तंर्त्रो के अनुसार केरल के तीन विभाग थे । (१) सिद्ध केरल (सुव्रह्मण्य से जनार्दन तक), (२) हंस केरल ( रामेश्वर से वेंकटगिरि तक) और (३) केरल (अनंतशैल से अव्यय तक) । आजकल इस देश को कनारा (कन्नड़) कहते हैं और यहाँ कनारी (कन्नड़) भाषा बोली जाती है । २

  • [स्त्री॰ केरली] केरल देशवासी पुरूष
  • एक प्रकार का पलित ज्योतिष, जिसका आविष्कार केरल देश में हुआ था , इसमें स्वर और व्यंजन अक्षरों के लिये कुछ अंक नियत होते हैं और उन्हीं की सहायता से गणित करके प्रश्न का फल या उत्तर निकाला जाता है
  • एक घंटे के बराबर का समय , होरा (को॰)

केरल के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • मलावार पर समुद्र के किनारे-किनारे कन्याकुमारी से गोकर्ण तक फैला हुआ प्रदेश विशेष

    उदाहरण
    . किरकीची कुल कोल केरल सुदेस के ।

  • उक्त प्रदेश के निवासी

केरल के तुकांत शब्द

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