केल

केल के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

केल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • 'केला'

    उदाहरण
    . केल रहे नित काँपती कायर जणे कपूर ।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक वृक्ष जो हिमालय पर ६००० से ११००० फुट की ऊँचाई तक होता है

    विशेष
    . यह पेड़ सीधा और बहुत बड़ा होता है । इसकी लकड़ी प्रति घनफुट १७ सेर भारी होती है । इसके दो भेद होते हैं— देशी और बिलायती । दोनों की लकड़ी प्रायः इमारत के काम में आती है । देशी केल की लकड़ी में से चीड़ के तेल की तरह तेल निकलता है और उसका कोयला भी अच्छा होता है जिससे लोहा पिघल जाता है । विलायती केल की लकड़ी जलाने के काम में नहीं आती वह जलाने से चिड़चिड़ाती और जल्दी बुझ जाती है । दोनों की छाल दृढ़ होती है और छत पाटने के काम में आती है । केल की पत्तियाँ और ड़ालियाँ विलाची के काम में लाई जाती है । विलायती केल के पेड़ देखने में सीधे और सुंदर होते है; इसलिये सड़कों पर और मैदानों में लगाए जाते है ।

केल के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • एक प्रकार का पहाड़ी वृक्ष

    उदाहरण
    . मुनेया तूतिया बरहीं। मगन कल केल को करही ।


स्त्रीलिंग

  • दे० 'केलि'

केल के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • कदली वृक्ष

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