ketuvriksh meaning in braj

केतुवृक्ष

केतुवृक्ष के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

केतुवृक्ष के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मेरु पर्वत के चारों ओर पाए जाने वाले वृक्ष विशेष

केतुवृक्ष के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पुराणानुसार मेरु के चारों ओर के पर्वतों पर होने वाले चार वृक्षों के नाम

    विशेष
    . विष्णुपुराण के अनुसार मेरु की पूर्व दिशा में मंदराचल है जिस पर कदंब का वृक्ष है; दक्षिण और गंधमादन पर जँबू, पश्चिम और विपुल गिरि पर पीपल और उत्तर की ओर सुपार्श्व पर्वत पर वट वृक्ष है। इन्हीं चारों वृक्षों को केतुवृक्ष कहते हैं।

केतुवृक्ष के तुकांत शब्द

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