खँजरी

खँजरी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

खँजरी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • डफ़ली की तरह का एक छोटा बाजा

    विशेष
    . इसकी मेंडरा (गोलाकार काठ) चार या पाँच अँगुल चौड़ा और एक ओर चमड़े से मढ़ा तथा दूसरी ओर खुला रहता है। यह एक हाथ से पकड़कर दूसरे हाथ की थाप से बजाई जाती है। साधु लोग प्रायः अपनी खँजरी के मेंडरे में एक प्रकार की हल्की झाँझ भी बाँध लेते हैं जो खँजरी बजाते समय आपसे आप आप बजती है।

खँजरी के कन्नौजी अर्थ

खंजरी

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • खंजड़ी

खँजरी के ब्रज अर्थ

खंजरी, खंजड़ी

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की छोटी डफ़ली

    उदाहरण
    . मधुर खंजरी, पटह, प्रनव मिलि।

खँजरी के मालवी अर्थ

खंजरी

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • डफ़ली जैसा बाद्य

खँजरी के तुकांत शब्द

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