खौर

खौर के अर्थ :

खौर के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • मस्तक पर लगे हुए चंदन का आड़ा या धनुषाकार तिलक , चंदन का आड़ा टीका , त्रिपुंड

    विशेष
    . चंदन का मस्तक पर लेप करके उसपर उँगली से खरोंच कर चिह्न बनाते हैं ।

  • स्त्रियों का एक गहना जो मस्तक पर पहना जाता है
  • मछली फँसाने का एक प्रकार का जाल

खौर के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • श्राद्ध क्रम का दिन

खौर के अवधी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • राख जो मत्थे में लगाई जाती है

खौर के गढ़वाली अर्थ

  • खोपड़ी, कपाल; भाग्य

संज्ञा, पुल्लिंग

  • माथे पर लगा चन्दन का टीका, त्रिपुण्ड; कपाल, माथा

  • skull; luck, fortune.

Noun, Masculine

  • religious mark made on the forehead with sandal paste, three horizontal lines made of ashes or sandal paste, vermilion mark on the forehead; forehead.

खौर के ब्रज अर्थ

खौरि, खौरी

पुल्लिंग

  • मस्तक पर लगाया जाने वाला चंदन का आडा तिलक

    उदाहरण
    . केसर खोर भाल में दीन्हें ।

  • स्त्रियों के माथे का आभूषण

    उदाहरण
    . सूधी पटिया मांग बिनु, माथे केसर खौर ।

खौर के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • क्षौर कर्म, श्राद्ध के दसवें दिन केश कटाने आदि का काम, दसवाँ; स्नान, नहा; (खौर) चंदन आदि का तिलक; (खोरना) आग उसकाने की क्रिया, दे. 'खउर'

खौर के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • क्षौर, नह-केस

Noun

  • shaving and cutting nails for purification.

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