ki.ngoraa meaning in braj
किंगोरा के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- दारु हल्दी की जाति की कँटीली झाड़ी
किंगोरा के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
दारुहल्दी की जाति की ४—५ हाथ ऊँची एक कंटीली झाड़ी जो जमीन पर दुर तक नहीं फैलती, सीधि ऊपर जाती है
विशेष
. इसकी पत्तियाँ ४—५ अँगुल लंबी होती है जिनके किटालों पर दुर दुर दाँत होते हैं । इसमें छोटे छोटे फूल और लाल या काली फलियाँ लगती हैं जो खाई जाती है इसमें भी वे ही गुण हैं जो दारुहल्दी में हैं । इसे किलमोरा और चित्रा भी कहते हैं ।
किंगोरा के तुकांत शब्द
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