ki.ngra.ii meaning in braj
किंगरई के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- लाजवंती की जाति का एक कँटीला पौधा
किंगरई के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
लाजवंती की जाति का एक कँटीला पौधा
विशेष
. इसकी पत्तियों के सींके 7-8 इंच लंबे और इनमें लगी हुई पत्तियाँ 1/4 इंच लंबी होती हैं। यह असाढ़-सावन में फूलता है। फूल पहले लाल रहते हैं, फिर सफे़द हो जाते हैं। इसकी पत्तियाँ और बीज दवा के काम में आते हैं। इसकी लकड़ी का कोयला बारूद बनाने के काम में आता है। यह भारतवर्ष में सर्वत्र होता है।
किंगरई के तुकांत शब्द
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