koTchakra meaning in braj

कोटचक्र

कोटचक्र के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कोटचक्र के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • दुर्ग के जय-पराजय ज्ञानार्थ तंत्र-शास्त्रीय चक्र विशेष

कोटचक्र के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तंत्र के आनुसार एक प्रकार का चक्र जिसका प्रयोग युद्ध से पहले अपने दुर्ग का शुभाशुम परिणाम जानने के लिए होता है

    विशेष
    . यह आठ प्रकार का होता है, जिनके नाम ये हैं— मृण्मय, जलकोटक,ग्रामकोटक, गह्मर, गिरि, डामर, वक्रमूमि और विषम।

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