kuDh meaning in braj
कुढ के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
- कुढ़न , मन-ही-मन दुःखी एवं विकल होना; अन्य का उत्कर्ष देखकर मन मसोस कर रह जाना
कुढ के तुकांत शब्द
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