kusvaarii meaning in braj
कुसवारी के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- रेशम का जंगली कीड़ा ; रेशम का कोया
कुसवारी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
रेशम का जंगली काड़ा जो बेर ओर पियासाल आदि पेड़ा पर कोया बनाकर उसके अंदर रहता है
विशेष
. इस कीड़े क जीवन में चार अवस्थाएँ हाती है जिन्हें युग कह कसते हे । सब के पहले यह अंड़ के रूप में रहता है । अंड़े से निकलकर यह कमला की तरह का कीड़ा हो जाता है । फिर उसमे पक्षावरण दिखाई पड़ते है ओर वह तागे निकालता है । अंत में वह कोए स निकलकर कतिंग होकर उड़ने लगता है, जड़े खाता हे ओर मर जाता है । जिन कीड़ो की ये चार अवस्यापुँ या एर पीढ़ी वर्ष भर में बीतती हैं वे एक युगक कहलाते है । कही कहीं जैसे चीन में, ऐसे कीड़े भी पाए जाते है जनकी वर्ष भर में दो पिढ़ियाँ हो जाती है । ऐसे कीड़ों को द्बियुगक कहते है । बहुत से देशों में त्रियुगक और चतुर्युगक कीड़े तक मिलते है । विशेष दे॰ 'रेशम' । -
रेशम का कोया
उदाहरण
. अरे हाँ पलटू कुसवारी में कीटहिं चारा देत है ।
कुसवारी के तुकांत शब्द
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