लसोड़ा

लसोड़ा के अर्थ :

  • स्रोत - हिंदी

लसोड़ा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का छोटा पेड़ , सपिस्ताँ , श्लेष्मांतक , लसोढ़ा

    विशेष
    . इसकी पत्तियाँ गोल गोल और फल बेर के से होते हैं । यह वसंत में पत्तियाँ झाड़ता है; और हिंदुस्तान में प्राय: सर्वत्र पाया जाता है । फल मे बहुत ही लसदार गूदा होता है । यह फल औषध के काम में आता है और सूखी खाँसी को ढीली करने के लिये दिया जाता है । फारसी में इसे सपिस्ताँ कहते हैं । हकीम लोग मिस्त्री मिलाकर इसका अबलेह (चटनी) बनाते हैं, जो खाँसी में चाटने के लिये दिया जाता है । संस्कृत में भी इसे शलेष्मांतक कहते हैं । इसका अचार भी बनता है ।

लसोड़ा के अवधी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक पेड़ और उसका फल जिसका अचार बनता है

लसोड़ा के कन्नौजी अर्थ

लसोड़ा

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ऐक पेड़ और उसका फल

लसोड़ा के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक फलदार वृक्ष

Noun, Masculine

  • lassora, cordia obliqua.

लसोड़ा के तुकांत शब्द

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