लव

लव के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

लव के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भगवान राम के बड़े पुत्र

लव के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बहुत थोड़ी मात्रा , बहुत छांटी मिकदार अत्यंत अल्प परिमाण
  • काल का एक मान , दो काष्ठा अर्थात छतीस निमेप का समय , (कुछ लोग एक निमेप के आठवें भाग को लव मानते हैं)

    उदाहरण
    . लव निमेप परिमान जुग वर्ष कल्पसत चंड ।

  • लबा नाम की चिड़िया
  • जातीफल
  • लबंग
  • लामज्जक , ज्वरांकुश नाम का तृण , ७ काटना , छेदना , कटाई
  • विनाश ९
  • ऊन, बाल या प जो पशु पक्षियों के शरीर से कतर कर निकाले जाते हैं , १० सुरागाय की पूँछ के बाल, जो चँवर वनाने के लिये कतरे जा है
  • श्रीरामचंद्र के दो यमज पुत्रों में से एक

    विशेष
    . जब लोकापवाद के कारण राम ने सीता जी को गर्भा वस्था में वन में भेजवा दिया था, तब वहीं वाल्माकि के आश्र में लव और कुश इन दो जोड़ुएँपुत्रों की उत्पत्ति हुई थी वाल्मीकि ऋषि ने इन्हें रामायण का गान सिखा दिया था जब इन्होंने रामचंद्र की सभा में जाकर वह गान सुनाया, त राम ने उन्हें पहचाना ।

लव से संबंधित मुहावरे

  • लबभर

    थोड़ा सा , नाम मात्र को , जैसे,—उसे लव भर भी डर नहीं है

लव के अवधी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • रामचंद्र के पुत्र

लव के ब्रज अर्थ

लव'

विशेषण, पुल्लिंग

  • रामचंद्र जी के कनिष्ट पुत्र का नाम ; कम परिमाण ; लवंग, लौंग; क्षण , निमेष , पल ; भिन्न , गणित का एक भाग
  • अल्प , न्यून , लेश

सकर्मक क्रिया, सकर्मक

  • कटे अनाज को एकत्रित कर ढेर लगाना

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