lok meaning in english
लोक के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- the world
- one of the three worlds
लोक के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
स्थानविशेष जिसका बोध प्राणी को हो
विशेष
. उपनिषदों में दो लोक माने गए हैं—इहलोक और परलोक । निरुक्त में तीन लोकों का उल्लेख मिलता है— पृथ्वी, अंतरिक्ष और द्युलोक । इनका दूसरा नाम 'भू:', 'भुव:' और 'स्व:' है । ये महाव्याहृति कहलाते हैं । इन तीन महाव्याहृतियों की भाँति चार और 'मह:', 'जन:', 'तप:' और 'सत्यम्' शब्द हैं, जो तीनों महाव्याहृतियों के साथ मिलकर सप्तव्याहृति कहलाते हैं । इन सातो महाव्याहृतियों के नाम से पौराणिक काल में सात लोकों की कल्पना हुई, जिनके नाम इस प्रकार हैं—भूर्लोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपलोक और सत्यलोक । फिर पिछे इनके साथ सात पाताल—जिनके नाम अतल, नितल, वितल, गभस्तिमान, तल, सुतल और पाताल हैं—और सब मिलाकर चौदह लोक किए गए । पुराणों में पातालों के नाम में मतभेद है । पद्मपुराण में इनके नाम अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, और पाताल बतलाए गए हैं । अग्निपुराण में अतल, सुतल, वितल, गभस्तिमान्, महातल, रसातल और पाताल; तथा विष्णुपुराण में अतल, वितल, नितल, गभस्तिस्मान्, महातल, सुतल और पाताल इनके नाम लिखे गए हैं । इस प्रकार चौदह लोक या भुवन माने गए हैं । सुश्रुत में लोक दो प्रकार का माना गया है—स्थावर और जंगम । - संसार , जगत्
- स्थान , निवासस्थान , जैसे,—ब्रह्म लोक, विष्णु लोक इत्यादि
- प्रदेश , विषय , दिशा , जैसे,— लोकपाल, लोकपति इत्यादि
-
लोग , जन
उदाहरण
. माधव या लगि है जग जीजतु । जाते हरि सों प्रेम पुरातन बहुरि नयो करि कीजतु । कहँ रवि राहु भयो रिपुमति रचि विधि संजोग बनायो । उहि उपकारि आजु यह औसर हरि दर्शन सचु पायो । कहाँ बसहिं यदुनाथ सिंधु तट कहँ हम गोकुल बासी । वह वियोग यह मिलनि कहाँ अब काल चाल औरासी । सूरदास मुनि चरण चरचि करि सुर लोकनि रुचि मानी । तब अरु अब यह दुसह प्रमानी निभिषो पीरि न जानी । सूर (शब्द॰) । ६ -
समाज , मानव जाति
उदाहरण
. सो जानब सतसंग प्रभाऊ । लोकहु बेद न आन उपाऊ । . सब से परम मनोहर गोपी । नँद नंदन के नेह मेह जिन लोग लीक लोपी । -
प्राणी
उदाहरण
. उगेहु अरुन अवलोकहु ताता । पंकज लोक कोक सुखदाता । -
यश , कीर्ति
उदाहरण
. लोक में लोक बड़ो अपलोक सुकेशव दास जो होऊ सो होऊ । - दृश्य या देखने योग्य वस्तु [को॰]
- प्रकाश (को॰)
- ७ या १४ की संख्या
- अपना या निज का स्वरूप (को॰)
- फज (को॰)
- भोग्य वस्तु (को॰)
- चक्षुरिद्रिय , देखने की इंद्रिय , नेत्र (को॰)
देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग
- एक प्रकार का पक्षी जो बत्तख से बड़ा और खाकी रंग का होता है
विशेषण
-
एक बड़े स्तर पर लोगों (नागरिकों) द्वारा स्वकृत या मान्य
उदाहरण
. भारत में लोक-मत के आधार पर ही सरकार बनती है । . भारत में लोक शासन है ।
लोक के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएलोक के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएलोक के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- प्रदेश
लोक के कन्नौजी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- विश्व का एक विभाग, भुवन. 2. संसार. 3. समाज 4. प्रजा. 5. समूह
लोक के ब्रज अर्थ
संस्कृत
-
लोग, जन समुदाय
उदाहरण
. पंडित लोक प्रवीनन को जोइ चित्त हर सो कवित्त कहा । -
भुवन , जगत ; प्रदेश , द्वीप , टापू ; स्वर्ग , मर्त्य , पाताल
उदाहरण
. –तीनों लोक तीनों गुन पाँचों तत्व सुष्टिवान ।
लोक के मगही अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा
- संसार, भुवन; लोग; जनसमुदाय,समाज; यश, कीर्ति
लोक के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- मानव, मनुख
- जनता
- परिवार
- भूमण्डल, भुवन
- पुराणक अनुसार ब्रह्माण्डक विविध तल, जेना पाताल-लोक, यम-लोक आदि
- गमार जन-समुदाय
Noun
- markind.
- people.
- family.
- world.
- mythical division of world.
- folk. Cf लोकगीत, लोककथा।
लोक के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- लोग, जन, इहलोक, परलोक,पृथ्वी।
लोक के तुकांत शब्द
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