मंथरा

मंथरा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मंथरा के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कैकेयी की दासी जिसकी कथा रामायण में है

मंथरा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • रामायण के अनुसार कैकेयी की एक दासी

    विशेष
    . यह दासी कैकेयी के साथ उसके मायके से आई थी। इसी के बहकाने पर कैकेयी ने रामचंद्र को वनवास और भरत को राज्य देने के लिए महाराज दशरथ से अनुरोध किया था।

    उदाहरण
    . नाम मंथरा मंदमति चेरि कैकयी केरि। . राम को वनवास कराने में मंथरा की अहम भूमिका थी।

  • युक्तिकल्पतरु के अनुसार 120 हाथ लंबी, 60 हाथ चौड़ी और 30 हाथ ऊँची नाव

मंथरा के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कैकेयी की कुबड़ी दासी
  • लगाने या लड़ाने वाली स्त्री

मंथरा के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • रामायण में कैकेयी की कुबड़ी दासी
  • (स्त्री) प्रतीकात्मक रूप में बुरा परामर्श देने वाली

Noun, Feminine

  • the hunchback maid of Kaikeyi in the Ramayan .
  • figuratively an ill adviser.

मंथरा के बघेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • मोटी-तगड़ी औरत, बैठी रहने वाली, ग़लत राय बताने वाली नारी

मंथरा के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • कैकेयी की दासी जो उसके साथ उसके मायके से आई थी

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