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घूआं
काले या नीले रंग का वह वातीय पदार्थ जो किसी चीज के जलने पर उसमें से निकलकर ऊपर चढ़ता और हवा के साथ इधर-उधर फैलता है। धूम। क्रि० प्र०-उठना।-देना।-निकलना। पद-धुएं का धौरहर ऐसी चीज या बात जो धूएँ की तरह थोड़ी देर में नष्ट हो जाय। अस्थायी और क्षणभंगुर चीज या बात। धुएं के बादल = (क) ऐसे बादल जो देखने भर को हों पर जिनसे वर्षा न हो। (ख) कोई ऐसी चीज जो देखने में बहुत बड़ी जान पड़े पर जिसमें सार कुछ भी न हो। मुहा०-(किसी चीज का) धूओं देना = जलने पर किसी चीज का अपने अन्दर से धूआँ निकालना। जैसे-यह कोयला (या तेल) बहुत धूआँ देता है। (किसी चीज को किसी दूसरी चीज का) धूओं देना = कोई चीज जलाकर उसका धूआँ किसी दूसरी चीज पर लगाना। धूएँ के प्रभाव से युक्त करना। जैसे-(क) सिर के बालों को गूगल (या धूप) का धूआँ देना। (ख) बवासीर के मस्सों को बायविडंग का धूआँ देना, (ग) किसी की नाक में मिरचों का धूआँ देना, (अपने अन्दर का) घूआँ निकालना = (क) मन में ददा हुआ कष्ट या रोष अपनी बातों से प्रकट करना, मन की भड़ास निकालना, (ख) अपने संबंध में बहुत बढ़-बढ़कर बातें करना, डींग या शेखी हांकना, धूआँ रमना = चारों ओर धूआँ छाना, फैलना या भरना, धुएं के बादल उड़ाना बिलकुल निरर्थक और व्यर्थ की बातें कहकर बहुत बड़ा आडम्बर खड़ा करना, झूठ-मूठ की बहुत बड़ी-बड़ी बातें खड़ी करना या बनाना, घूएं-सा मुंह होना या मुंह धूआँ होना = ग्लानि, लज्जा आदि के कारण चेहरे का रंग काला या फीका पड़ना, चेहरे की रंगत उड़ जाना