मौर्य

मौर्य के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मौर्य के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भारत का एक प्रसिद्ध राजवंश जो चन्द्रगुप्त से आरंभ हुआ
  • एक जाति विशेष

मौर्य के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मगध का प्राचीन भारतीय राजवंश जिसका संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य था, क्षत्रियों के एक वंश का नाम

    विशेष
    . सम्राट् चंद्रगुप्त और अशोक इसी वंश में उत्पन्न हुए थे। पुराणों के अनुसार चंद्रगुप्त का जन्म मुरा नामक स्त्री से हुआ था और वह चाणक्य की सहायता से नंदों का नाश कर पाटलिपुत्र का सम्राट हुआ था। बौद्ध ग्रंथों में 'चंद्रगुप्त' को 'मोरिय' वंश का लिखा है और उसे शुद्ध क्षत्रिय माना है। मौर्य वंश के शुद्ध क्षत्रिय होने की पुष्टि दिव्यावदान में अशोक के मुँह से कहलाए हुए 'दोव अहं क्षत्रियः कथं पलांडु परिभक्षयामि' से भी होता है, जिसमें अशोक कहता है—'दीव, मैं क्षत्रिय हूँ; मैं प्याज कैसे खाऊँ। 'मुरा' शब्द में 'णय' प्रत्यय लगाने से 'मौय' शब्द बहुत खींच-खाँच से बनता है; पर पालि भाषा में 'मोरिया' शब्द आया है, जिसकी सिद्धि पालि व्याकरण के अनुसार 'मोर' शब्द से जो 'मयूर' का पालि रूप है, की गई है। यह समझकर जैनियों ने चंद्रगुप्त की माता को नंद के मयूर-पालकों के सरदार की कन्या लिखा है। बुद्धघोष के विपयपिंटक की आत्मकथा का टीका और महावंश का टीका में चंद्रगुप्त को मोरिय नगर के राजा के रानी का पुत्र लिखा है। यह मोरिय नगर हिंदूकुश और चित्राल के मध्य उज्जानक देश में था।

  • एक जाति विशेष, एक कुलनाम

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