mii.n.Dh meaning in hindi

मीँड़

  • स्रोत - संस्कृत

मीँड़ के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • संगीत में एक स्वर से दूसरे स्वर पर जाते समय मध्म का अंश इस सुंदरता से कहना जिसमें दोनों स्वरों के बीच का संबंध स्पष्ट हो जाय, और यह न जान पड़े कि गानेवाला एक स्वर से कूदकर दूसरे स्वर पर चला आया है , जैसे, 'सा' का उच्चारण करने के उपरांत 'रि' का उच्चारण करते समय पहले कोमल रिषभ का उच्चारण करना , गमक

    विशेष
    . मींड़ की आवश्यकता किसी स्वर से केवल उसके दूसरे परवर्ती स्वर पर ही जाने में नहीं पड़ती बल्कि किसी एक स्वर से दूसरे स्वर पर जाने अथवा उतरने में भी पड़ती है । अर्थात् आरोहण और अवरोहण दोनों में उसके लिये स्थान है । जैसे, 'सा' के उपरांत 'म' का अथवा 'नि' के उपरांत 'ग' का उच्चारण करने में भी मींड़ का प्रयोग हो सकता और होता है । स्वरों की मूर्छनाओं का उच्चारण मीउ की सहायता से ही होता है । देशी बाजों में से बीन, रबाव, सरोद, सितार, सारंगी आदि में मींड़ बहुत अच्छी तरह निकाली जाती है, पर पियानो और हारमोनियम आदि अँगरेजी ढंग के बाजों में यह किसी प्रकार निकल ही नहीं सकती । विद्वानों का यह भी मत हैं कि मींड निकालने के लिये स्त्रियों के कंठ की अपेक्षा पुरुषों का कंठ बहुत अधिक उपयुक्त होता है; और इसका कारण यह है कि पुरुषों की स्वरनालिका स्त्रियों की स्वरनालिका की अपेक्षा अधिक लंबी होती है ।

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