मुसब्बर

मुसब्बर के अर्थ :

  • स्रोत - अरबी

मुसब्बर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कुछ विशिष्ट क्रियाओं से सुखाया और जमाया हुआ घीकुवाँर का दूध या रस जिसका व्यवहार ओषधि के रूप में होता है , एलुआ

    विशेष
    . इसका उपयोग अधिकतर रेचन के लिये या चोट आदि लगने पर मालिश और सेंक आदि करने में होता है । यह प्रायः जंजीबार, नेटाल तथा भूमध्यसागर के आसपास के प्रदेशों से आता है । वैद्यक में इसे चरपरा, शीतल, दस्तावर, पारे को शोधनेवाला तथा शूल, कफ, वात, कृमि और गुल्म को दूर करनेवाला माना है ।

मुसब्बर के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक काला पदार्थ (जो फोड़े की दवा के काम आता है, )

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